कालोनी व आंतरिक सडक़ों से गुजर रहे भारी वाहन,यातायात अमले पर कौन लगाए लगाम

कोरबा। शहर व जिले में यातायात व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। शहर से मध्य से लेकर उप नगरीय क्षेत्रों में जनता रह-रह कर जाम के कारण इस भीषण गर्मी में हलाकान हो रही है तो दूसरी तरफ यातायात प्रभारी से लेकर मातहत अमला आउटर में ज्यादा सक्रिय नजर आते हैं। लोगों के बीच एक सवाल लगातार कायम है कि बिगड़ती यातायात व्यवस्था सुधरेगी भी या नहीं, बेलगाम अमले पर आखिर कौन लगाम लगाएगा?

यातायात की सुचारू व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग में यातायात विभाग पृथक से गठित किया गया है और यातायात विभाग में प्रभारी से लेकर मातहत यातायात अमला कार्यरत है। लंबे समय से बढ़ते यातायात की समस्या के अपेक्षाकृत इसके निराकरण के प्रति कोई ठोस कार्य नहीं हो सका है। हालांकि यातायात सडक़ सुरक्षा सप्ताह और पखवाड़ा के साथ-साथ महीने पर के आयोजन में विभिन्न माध्यमों से यातायात के प्रति जागरूकता की अपेक्षा लोगों से तो की जाती है लेकिन अमले के जवान और अधिकारी इस मामले में जन अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं। शहर के भीतर कोसाबाड़ी से लेकर सीतामणी चौक के मध्य यातायात जाम की समस्या निरंतर बनी हुई है लेकिन इन व्यस्त सडक़ों पर यातायात का अमला कभी-कभार नजर आता है। लोगों को खुद ही जाम से अटक-झटक कर निकलना पड़ता है। टीपी नगर चौक, शारदा विहार तिराहा, पावर हाऊस रोड नहर पुल से लेकर कोरबा मुख्य शहर तक जाम की समस्या प्राय: हर दिन रहती है। पावर हाउस रोड नहर चौक पर ट्रैफिक जवान तैनात रहते हैं लेकिन यह काफी नहीं है। उषा कॉम्पलेक्स रेल्वे क्रासिंग से तो ट्रैफिक जवान गायब ही कर दिए गए हैं जबकि यहां अनुभवी यातायात कर्मी की नितांत आवश्यकता है। फाटक बंद होने और खुलने के बाद चारों तरफ से यातायात का दबाव लोगों को परेशान करता है और अपने-अपने हिसाब से लोग गाडिय़ां फंसाकर अटकते-झटकते निकलते हैं। मुख्य मार्ग में बेरततीब खड़े वाहनों से लेकर बस स्टैण्ड से निकलने वाले वाहन चालकों की मनमानी को रोकने के लिए कहीं भी मुस्तैदी नजर नहीं आती। बीच सडक़ पर वाहन खड़ी करने वालों पर कोई भी सख्ती देखने को नहीं मिल रही।

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यातायात थाना के प्रभारी गोवर्धन मांझी से लेकर मातहत एएसआई, प्रधान आरक्षक और आरक्षक अपनी टीम के साथ आउटर में काफी सक्रिय नजर आते हैं। कनकी, उरगा, कनबेरी, दर्री के आगे से लेकर कटघोरा, छुरी, पाली, रजगामार जैसे आउटर क्षेत्रों में वाहनों की जांच-पड़ताल करते दिख जाते हैं। कई बार इनके जांच-पड़ताल के रवैये से गणमान्यजन भी काफी परेशान होते हैं। यातायात अमले पर आरोप लगते आए हैं और यह नजर भी आता है कि भारी वाहनों को शहर के भीतर से एंट्री की छूट दी जा रही है। आलम तो यह है कि मुड़ापार बाईपास मार्ग से लेकर टीपी नगर चौक, स्टेडियम मार्ग, राताखार मार्ग शाम के बाद जाम की समस्या से जूझता है। भारी वाहन चालकों पर यातायात अमले की छूट का परिणाम है कि ये टीपी नगर चौक से स्टेडियम मार्ग के मध्य बसे आवासीय क्षेत्रों के भीतर संकरे मार्ग से भी गाडिय़ां निकालते हैं। टीपी नगर चौक स्थित यातायात चौकी के पीछे शाम के बाद सडक़ दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।